ज़िंदगी
एक राह है, काँटों भरी मगर हसीं,
हर मोड़ पर मिलती है,
इक नई सी ताज़गी।
कभी धूप सी तपिश है,
कभी छाँव की ठंडक,
कभी आँसुओं में बहती, कभी मुस्कानों की झलक।
हर टूटे सपने
के पीछे, छुपी होती है एक सीख,
जो गिरते हुए भी कहे — "अभी
बाकी है रौशनी की
रेख।"
उम्मीद वो दीपक है,
जो अंधेरे में भी जलता है,
हर डर को मात
देकर, नयी सुबह में ढलता है।
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